नई दिल्ली: देश में कोरोना की टेस्टिंग को लेकर नीति में बदलाव किया गया है. RTPCR और रैपिंड एंटीजन की जांच में अगर कोई पॉजिटिव हुआ है तो दोबारा RTPCR की जरूरत होगी. दूसरी ओर, कोरोना से ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज होने वालों के RTPCR TEST की जरूरत नहीं होगी. अगर कोई अन्तर्राज्यीय यात्रा कर रहा हो और वो स्वस्थ हो उसके RTPCR TEST की जरूरत नही होगी. देश मे 2506 लैब हैं. दूसरी लहर में कोरोना के ज्यादा केस आने की वजह से और लैब में काम करने वाले स्टाफ के संक्रमित होने की वजह से टेस्ट को लेकर चुनौती बढ़ गयी है जिसे देखते हुए टेस्टिंग स्ट्रेटजी में बदलाव किया गया है.
कोरोना के केस बढ़ने के कारण अस्पतालों को बेड, दवाओं और ऑक्सीजन की कमी से जूझना पड़ रहा है. कोरोना टेस्ट करने वाले लैब्स पर भी दबाव बढ़ा है. ऑक्सीजन को लेकर स्थिति पर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि मैदानी तौर पर निश्चित रूप से चुनौतियां हैं. केसों की संख्या तेजी से बढ़ी है. केंद्र और राज्य इस मामले में मिलकर काम कर रहे हैं. जब अस्पताल SOS भेजते हैं तो यह हर किसी के लिए चुनौतीभरा होता है. हम हर पेशेंट को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.
गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर में देश में नए मामले की संख्या तेजी से बढ़ रही है. मंगलवार को कुल कोविड-19 संक्रमितों की संख्या 2 करोड़ के आंकड़े को भी पार कर गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को एक बार फिर तीन लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए. पिछले 24 घंटों में देश में संक्रमण के 3,57,229 नए मामले दर्ज किए गए जिसके बाद कुल मामलों की संख्या 2,0282833 हो गई है. वहीं इस अवधि में 3449 लोगों की मौत हुई है और कुल मृतकों की संख्या 2 लाख 22 हजार 408 हो गई है. सबसे ज्यादा चिंता कोविड-19 के एक्टिव मरीजों की बढ़ती संख्या है.स्वास्थ्य मंत्रालय जारी आंकड़ों के अनुसार देश में इस वक्त 34 लाख 47 हजार 133 मरीज एक्टिव अवस्था में हैं. इनका इलाज या तो अस्पातल में चल रहा है या फिर डॉक्टरों के दिशा निर्देश के तहत ये होम आइसोलेशन में हैं.